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रवन्धक मुक्ति
एक समय सावत्थी-स्यालकोट में महाराज कनककेतु राजा थे। प्रजा-पालन को वे अपना प्रधान कर्तव्य मानते थे। महारानी का नाम मलया-सुन्दरी था । खन्धन-कुमार उन के पुत्र थे। समय पर, समुचित प्रवन्ध हो जाने के कारण, कुछ ही काल में कुमार बहत्तर कलाओं के स्वामी और नीति के नेता बन गये थे। कुमार अभी कुमार ही थे, कि एक दिन,