________________ जैनदार्शनिक साहित्य 445 नयोपदेश, प्रकाशित नयरहस्य, न्यायखण्डखाद्य (नव्यशैली), न्यायालोक, भाषारहस्य, शास्त्रवार्तासमुच्चयटीका, उत्पादव्ययध्रौव्यसिद्धिटीका, ज्ञानार्णव, अनेकान्त प्रवेश, गुरुतत्वविनिश्चय, आत्मख्याति, जैनग्रन्थ ग्रन्थकारमें तत्त्वालोकविवरण, त्रिसूत्र्यालोक, द्रव्यालोकविवरण न्यायबिन्दु, प्रमाणरहस्य, मंगलवाद, वादमाला, वादमहार्णव, विधिवाद, वेदान्तनिर्णय, सिद्धान्ततर्क परिष्कार, सिद्धान्तमञ्जरी टीका, . स्याद्वादमाषा, ( स्याद्वादमञ्जरीकी टीका ), द्रव्यपर्याययुक्ति जैनसप्तपदार्थी प्रकाशित प्रमाणवादार्थ - जैनग्रन्थ ग्रन्थकारमें वादार्थनिरूपण स्याद्वादमुक्तावली प्रकाशित नयोपदेशटीका प्रकाशित यशोविजय यशस्वत् सागर ( १८वीं) भावप्रभसूरि (१८वीं) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org