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________________ (१५) हिसार में बा० महावीर प्रसादजी वकील एक उत्साही और सफल कार्यकर्ता हैं। हिसारकी जैन समाजका कोई भी कार्य आपकी सम्मति विना नहीं होता । भजैन समाज में भी आपका काफी सन्मान है । इस वर्ष स्थानीय रासलीला कमेटीने सर्वसम्मति से आपको सभापति चुना है। शहर के प्रत्येक कार्यमें आप काफी हिस्सा लेते है । जैन समाज के कार्योंमें तो आप खास तौरपर भाग लेते है | आपके विचार बड़े उन्नत और धार्मिक है। हिसारकी जैन समाजको आपसे बडी२ आशाए है, और वे कभी अवश्य पूर्ण भी होंगी । आपमें सबसे बडी बात यह है कि आपके हृदय में साप्रदायिकता नहीं है जिसके फलस्वरूप आप प्रत्येक सप्रदाय के कार्यों में विना किसी भेदभाव के सहायता देते और हिस्सा लेते है । आप प्रतिवर्ष काफी दान भी देते रहते है । जैन भजैन सभी प्रकार के च शक्तिपूर्वक सहायता देते हैं । गतवर्ष आपने श्री ० ब ० सीतलप्रसादजी द्वारा लिखित 'आत्मोन्नति या खुदकी तरक्की' नामका ट्रेक्ट छपाकर वितरण कराया था । औ' इस वर्ष भी एक ट्रेक्ट छपाकर वितरण किया जाचुका है। आने करीब ३०० ) - ४००) की लागत से अपने बाबा का० सग्दारसिंहजी की स्मृतिमें " अपाहिज आश्रम " सिरसा (हिसार) में एक सुन्दर कमरा भी बनवाया है । पके ही उद्योगसे गतवर्ष ब्र० जीके चातुर्मासके अवसरपर सिरसा (हिसार) में श्री मदिरजी की आवश्यकता देखकर एक दि० जैन मंदिर बनानेक विषय में विचार हुआ था, प्रेरणा से का० केदारनाथजी बनन हिसारने उस समय आपकी ही १०००) और बा०
SR No.010041
Book TitleJain Bauddh Tattvagyana Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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