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(२६) फूलचदजी वकील हिसारने ५००) प्रदान किये थे। श्री मदिरजीके लिये मौकेकी जमीन मिल जाने पर शीघ्र ही मदिर निर्माणकार कार्य प्रारम्भ किया जायगा।
इसमें सन्देह नहीं कि बा० महावीरप्रसादजी वकील आज कलके पाश्चात्य ( इगरेजी) शिक्षा प्राप्त युवकोंमें भावाद स्वरूप है । वस्तुत आप अपनी योग्य माताके सुयोग पुत्र हैं। आपकी माताजी ( श्रीमती ज्वालादेवीजी) बड़ी नेक और समझदार महिला है । श्रीमतीजी प्रारम्भसे ही अपने दोनों पुत्रोंको धार्मिक शिक्षाकी
ओर प्रेरणा करती रही हैं, इसीका यह फल है। ऐसी माताओंको धन्य है कि जो इस प्रकार अपने पुत्रोंको धार्मिक बना देती है। मन्तमें हमारी भावना है कि श्रीमतीजी इसी प्रकार शुभ कार्यों में प्रवृत्ति रखती रहेंगी और साथ ही अपने पुत्रोंको भी धार्मिक कार्योंकी तरफ प्रेरणा करती हुई अपने जीवन के शेष समयको व्यतीत करेंगी।
निवेदकप्रेमकुटीर, ) अटेर (ग्वालि पर ) निवासी हिसार (पजाब) ४ बटेश्वरदयाल बकेवरिया शास्त्री, ता ५-११-३७६०) ( सिद्धान्तभूषण, विद्यालकार)