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३० हिन्दी-जैन साहित्य-परिशीलन
गेय काव्य लिखनेमे कवयित्री कुन्युकुमारी, प्रेमलता कौमुदी, कमलादेवी, पुष्पलता देवी, कवि 'अनुज', 'पुष्पेन्दु', 'स्तन', 'गगवाल', 'बुखारिया', आदिको अच्छी सफलता मिली है । कवि रामनाथ पाठक 'प्रणयी'का 'तीर्थकर' शीर्षक एक सोलह-सत्रह गीतोका सुन्दर संकलन प्रकाशित हुआ है। ये सभी गीत गेय है। इनमें भावनाओंकी भी सुन्दर अभिव्यञ्जना हुई है।
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