________________
४२
..
हे आर्य! मेरी धारणा प्रमाणे सब पुद्गल द्रव्य क्षेत्र काल भाव
?
से सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी हैं। जो पुद्गल द्रव्य से प्रदेशी है वह क्षेत्र से नियमा ( निश्चित रूप से) प्रदेशी होता है, काल से सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी होता है और भाव से सिय सप्रदेशी सिय अप्रदेशी होता है । जो पुद्गल क्षेत्र से अप्रदेशी है वह द्रव्य से, काल से और भाव से सिय सप्रदेशी सिय अप्रदेशी होता है । जो पुद्गल काल से अप्रदेशी है वह द्रव्य से, क्षेत्र से और भाव से सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी होता है। जो पुद्गल भाव से प्रदेशी' होता है वह द्रव्य से, क्षेत्र से, काल से सिय प्रदेशी सिय प्रदेशी होता है । जो पुद्गल द्रव्य से सप्रदेशी है वह पुद्गल क्षेत्र से काल से भाव से सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी होता है। जो पुद्गल क्षेत्र से सप्रदेशी होता है वह द्रव्य से नियमा सप्रदेशी होता है । काल से और भाव से सिय प्रदेशी यि प्रदेशी होता है। जो पुद्गल काल से सप्रदेशी होता है वह पुद्गल द्रव्य से, क्षेत्र से और भाव से सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी होता है । जो पुद्गल भाव से सप्रदेशी होता है। वह पुद्गल द्रव्य से, क्षेत्र से और काल से सिय सप्रदेशी सिय प्रदेशी होता है ।
•
.
फिर नारदपुत्र अनगार ने पूछा कि हे देवानुप्रिय ! सप्रदेशी प्रदेशी में द्रव्य क्षेत्र काल भाव की अपेक्षा कौन किससे थोड़ा, बहुत, सरीखा और विशेषाधिक है ?