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रूप वाले, दीन हीन अनिष्ट अमनोज्ञ स्वर वाले, काले कुरूप होंगे। उनकी उत्कृष्ट अवगाहना लगते आरे ? हाथ की उतरते आरे मुण्ड हाथ ( १ हाथ से कुछ कम :) प्रमाण, होगी और आयु लगते आरे २० वर्ष की उतरते आरे १६ वर्ष की होगी। वे अधिक सन्तान वाले होंगे । उनका वर्ण, गंध, रमः स्पर्श. .संहनन, संस्थान सब अशुभ होंगे। वे वहुत रोगी, क्रोधी मानी मायी लोभी होंगे। वे लोग सूर्य उदय और अस्त के समय अपने बिलों में से बाहर निकल कर गंगा सिंधु नदियों में से मच्छ कच्छप पकड़ कर रेत में गाड़ देंगे। शाम को गाड़ें हुए मच्छादि को सुबह निकाल कर खावेंगे और सुबह गाड़े हुए मच्छादि को शाम को निकाल कर खावेंगे। व्रत, नियम पञ्चक्खाण से रहित मांसाहारी संक्लिष्ट परिणामी - ( खराब
परिणाम वाले ) वे जीव मर कर प्रायः नरक तिर्यंच गति में - जावेंगे । पशु पक्षी भी मर कर प्रायः नरक तिर्यच गति में
जावेंगे। : :..: .... :: - यह आरा इक्कीस हजार वर्ष का होगा। : ..:. सेवं भंते ! .. सेवं भंते !! ...
बकरे की नाक के समान नाक होगी ऊंट की नौल के समान..होठ होंगे सीप संखोंलिया के समान नख होंगे। उदुई की बम्बी के समान शरीर.. होगा नाक कान आदि सब ही द्वार बहते रहेंगे। वे माता पिता की लज्जा से रहित होंगे। ....
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