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वर्षन शिप की इस प्रवृत्ति से फलत: अनेक क्यामक परंपराएं बन जाती होगी। इन cycles या क्या परंपराओं के बनने के अनेक कारण हो सकते है उनमें से कुछ निम्नाकित है:
प्रत्येक कवि अपने भिन्न भिन्न दृष्टिकोण से किसी वस्तु को देखता है। प्रत्येक व्यक्ति का भिन्न भिन्न अध्ययन और दृष्टिकोष होने से एक ही वस्तु विभिन्न पस्तिकी मिन्न भिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया करती है : प्रत्येक काव्य के नायक के जीवन को विभिन्न सम रंग देकर विभिन्न आकृति में गलना प्रत्येक कवि मा लेखक की अपनी विशेषता होती है। रचना में इस दृष्टिकोण को कवि की अपनी मौलिकता कहा जा सकता है।तः प्रत्येक कवि की इस मासिक प्रतिक्रिया में वैविध्य और वैपिन्न होना स्वाभाविक है। अतः प्रत्येक काव्य के मन में कवि के व्यक्तित्व का (Personality an Liltraine ) का पर्याय महत्व है। प्रत्येक व्यक्तित्व घटनाओं की परंपराओं के निर्माण स्था उनमें वैविध्य प्रस्तुत करने के लिए भी उत्तरदायी है।
मौलिकता भी घटना परंपराओं के निर्माण में योग देती है कवि अथवा से किसी पूर्व प्रबलित किसी परिनामक, अथवा किसी अन्यथा को लेकर उसमें था भन्न परिवर्तन का विधवा या ge करता है। इस राचिनून अक प्रवीन पटनावों की परंपरा गगन
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रारियन इस मुविध परंपरा मे EिR (eyelc order) घटनाओं के विकास राना स्थान बनाता समीर इस प्रकार अनेक Trurwanा परंपरायो बान परंपरायों की कड़िया लगती है।