SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 939
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८१२ बड़ावासक बाला व बोध - सं० १४बस्सप्रभरि २- व्याकरण बहुम्यवाहा व गोष पेन्तुंग मूरि - हधित बालाब बोष मग मरि बल्व विवरण बाला व बोध सापुरत्नसूरि +ल्याण मंदिर बालाबीच Mones- मुनिमुंदरसूरि शिष्य • उपदेशमाला बाला व बोध मोमसुंदर मूरि --पष्टिशतक बालाब बोध १४४ सोनमुन्दर कति ८- योमबतक बालावबोध . भक्तामर स्तोत्र बालाक्योध सं० १. ro- अवतत्व नालाबोध सं० १४०१ १०० पर्यन्त आराधना गालावबोध .१० बढ़ावश्यक बालावबोध - विचारमन्च बाहावबोध • क्षेत्र सपास बाला. सं० १९ १५. शीलोपदेश माला बाला. • विचारायबालाको - ग्राम बालाबोध * मावि • पायक दावार anावार बनेसर दि ..पीय माविलाय to me भाभिरि इन रचनायों में अधिकतर रचना वातावबोध संजक मन ग्रन्थों में गालावदोष एक ही ही होगा बीइसे दूसरे इदो में बालायबोध भाषा टीकात्मक पातिमा वा वास्तव में ग पार्मिक गइव अधिकार प्राकृत भाषा में तिला या न साधारण सर्व मुलभ बनाने के लिए जैन विड्वानो,लोक -रि-पाक का साहित्यकार २९.१८पर हिन्दी बामियकी प्राचीनवा महब रचनाएं-शीर्षक लेख।
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy