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________________ () विजयचंद सन् १९५४ में राजा हुए। गाबर के अन्तिम शासक अबंद । गंगा की घाटी में इनके राज्य का विस्तार तक भी गया तर्क था एक प्रकार से यह वर्तमान उत्तर प्रदेश और बिहार का सम्मिलित राज्य था। इन्हीं के समय गौरी ने मध्यप्रदेश पर आश्मन क्या। पृथ्वीराज को हराने के बाद गोरी ने जयनन्द की सेनामों में पहली बार फुटपेड़ की। मन् १९९९ में इटावा की भेड़ में जयचन्द मारे गए और पहली बार हमारे देश का राज्य स्थायी रूप में मुल्तान शासकों के हाथ में, जो विधर्मी और विभिन्न संस्कृति को मानने वाले थे, सीम। जयचंद बाहित्योभी शक थे। उनके दरबार में श्री हर्ष रहते थे, बिन्डोति नै रिस असे बाल कास्यों की सर्वना की। इस प्रकार बैभव की नगरी मीर ने सताब्दियों तक शासकों को आकर्षित किया । कभी भी इन मध्यदेश की इकाईयt अलग हो जाती थी। मध्यदेश के दक्षिणी भाग में जिम, चौडान कसरी, मन्टेल और परमारों पर पहले आशिक प्रकाश डाला पौहान - बारी (सांगर और मेर) AAT। मेर बसाने बाले भयराबाजी साबी बागा इसी बीसलदेव विद्याराज - विलीनीयको गाड़वार रामा विहीना। बीमदेव गल प्रेमी सी बाहित्य रचना करते थे।यही - विजय(प ..., डा. वीरेन्द्र मा प्रकाश मिशारी राम्याण परिषद, पटमा। ( O ran बाहिडिवीर व्यास्थान, 10-10, "MAारी विदी।
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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