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मलविs Gous साल
भर कर काहल वरखाल
से कनक बुक मुगल संथा से वजति मनोहर दूर असैरवा
सेबी दे विषु सिरिय सूत
ते पण कठिन उनत वट,
से हाव भावविभ्रम विलास
इस प्रकार रचना जिन वयन की प्रशस्ति मात्र है।
तति वायदि, वे किम्मर वर गंधर्व गाय सिमि, से अनि मिस रमनि नच भवाणी महरण, ते बनि सनि कर तिक जिम गुण गहन
महावीर क्लव
महावीर के अभिषेक पर अनेक वाद्यों के साथ उल्लासपूर्ण अभिव्यक्ति में गाई हुई यह सुन्दर रचना है। नृत्य और गान का सुन्दर वर्णन उल्लेखनीय है। रचना का लेवन काल १५०० के पूर्व व लेखक ज्ञात है:
घुट घुट्ट डिदि
हिप पड़ ग
नाना कि रिङ रिड टि कि रिड रिड रिट करा कि डि
दिन रिट वन्जय
कट बोर्ड वाला कोई सदी वाला कोईति डालिया सर
fegrets मंगute नियोंम्पर
अम बीमा दे बच
कहिके में
कटरे मिडदि मड्डा व सेहि दिन इस प्रकार पूरा बाइयों व वालों का वर्णन सभी
संरचनाओं में है।
रचनाओं की संख्या बहुत विकास है। जिनमें वे में इन कविषय रचनाओं विश्व मा अवस्य स्पष्ट हो सकेगी।
केही उदाहरणों से
: कोला :
ति तिवारी मनहरी
बोलिका संरचनायें भी स्तवन की पर्याय ही है। इनमें कवियों के धार्मिक