________________
८२५
इस विशाल स्तोत्र, गीति व स्तवन साहित्य के यथार्थ वर्णन के लिए स्वतंत्र अध्ययन व ग्रन्थ की आवश्यकता प्रतीत होती है। यवः यहां इनमें से कविपन रचनाओं का अध्ययन बहुत संदेष में परिचयात्मक रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इन रचनाओं में क्योंकि सत्यपुरीय महावीर उत्साद धनपाल की सं० २०८१ की सबसे प्राचीन ऐतिहासिक गीति रचना है अतः इसका विस्तार में अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। सब रचनाओं का केवल मात्र परिचय ही दिया गया है। हिन्दी साहित्य की सबसे प्राचीन आदिकालीन रचना -सत्यपुरीय महावीर उत्साह है, जो ऐतिहासिक गीत है तथा इस रचना का सबसे बड़ा महत्व इस दृष्टि से है कि इससे अप और पुरानी हिन्दी के बीच विभाजन रेखा बींची जा सकती है। गीति और स्ववन साहित्य की इन शेरचनाओं का अध्ययन भी सत्यपुरीय उत्पाद की माति विस्तार में किया जा सकता है, परन्तु बिस्वार भय से ऐसा अध्ययन केवल सबसे प्राचीन इसी उदवाह गीत का किया गया है।
糖
यपुरीय महावीर उत्साह
हिन्दी
में रवी बाद में उपलध होने
बाली सर्व प्रथम और महत्वपूर्ण कृति सत्यपुरीय महावीर उत्साह है। यह रचना एक उस्ताव प्रधान गीत है। जिसे स्मृति भी कहा जा सकता है। मी
मैं इस प्रकार की अनेक रचनाएं परवर्ती साहित्य में विवाई में उपल होती है। परन्तु प्रस्तुत रचना की भांति उत्पादक रचनाओं का लगभग मान ही है। सत्यराम महावीर उत्साह एक यूति प्रधान मीति रचना है faast for reg का सीधा इतिहास है है। गाँव खनामों में ऐतिहासिक करने वाली रचनाओं की कड़ी में महावीर उत्साह को वीर्य स्थान वा या सा है।
कास
चरवाह' नाम से रचना के नाम व विल्य का कोई विवेदसम्बन्ध नहीं है तथा न जाने की इस नाम की अन्य कोई रचनाएं पाई जाती है इसके