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अंगारों में किस प्रकार उसने अपने जीवन को रात बना दिया । एक कारुणिक
उदाहरण दृष्टव्य है:
यक्लप परिवति वर सुपन भूमि वि
तिमि निवडीस सयम अनिठुर
fafa संवह भंगार मनि भन्न प्रति
मिति
दूर करत वरकर परि
fafe fat अव पुरुष जन्म तरकनि सरिउ (१०)
तब अंगारयमदद सूरि
से सीस सर्व निवपुत्त
अंग चोर चंडाल चहिउ अपयहकरि कंपइ
दामिनी सुविन भर इम सेमि उजड विनय विवब्जिय विज्जन्म करिव नवि जमृगइ सिंहासन बसारि पारि गुरु करि सो मगमइ जो कहइ विजय जो लहड फफ बिड्ड कन्ज तरकनि सरित इन कारन जिन सारामि विश्व गुरु ग्रीस किरि
इस प्रकार कवि ने विविध व्यक्तित्वों के उपास्वानों इटावा
वारा रक्षा की बीकत प्रतिष्ठा की है। संजय और निष्ठा के निर्माण में इस
कवि ने पारस के इन उत्कृष्ट पूरा प्रयास किया है। साथ ही उम्पय में इसी प्रकार की
काव्य बर है।
व द्वारा उनका पूरा वो भी पूरा पूरा प्राय का है। कर एक है। कवि की की नाकारिक और पूरा