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सब सुबइ विषयक नवमा, उल्हासिडि गोबम जागा गइ वि सुयत्व तहवि पुच्छ मह र किम पद कवित्त पवित्र पढम मबार सुनानी, म करइ गब्ध अपुब्ध वि पनि बन्ना वाली श्रीमान माना तन विष मि इस बापीर
गुरु पारित कवि नवि मिनी अंथ को डिबड गापीई' दाधि वाहन, चंदवबाला और नेमिनाथ को कवि जन समाज के लिए मार्ग परित्र गराकर उनी उपदेश देता है। गव्य का प्रवाह इन अन्तर्वथाओं में न विकसित हुमा है। व्या इस प्रकार की धाओं में पूरा काव्य कवि में गूंथ सा दिया है।काम सौष्टब के मेमिनाथ और परमसम्बन्धी भादों के कुछ जालंकारिक अनुप्रसात्मक उदाहरण देषि:
वापारसिनयरी मारिवना िसंवान पर अउर पवर अवर हय मय बा मारण कमा बहस पुरुष मा पुल पुत्त न इसका रामपत किया कि इस्य पिरिसक्यामि रामी बाहिर बालि पट्टिी बखि शिवि वीरभरि पानी पाकि यि दिवार बार बारीक रिका पानीपटी दी कि वर दिरा
र भावारिपालिमा विरल परमर रानाre
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