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(२) ईसरु देक्सिट कोइ नरु नीणि मणि मेह,
पर न जाणइ मूढ जिल, जगु बावियर्ड हुनेइ (१०) (३) उप्पल दल जल विंदु जिव, तिन च त कच्छि
पण देवंता जाइसए वा मन मेलत आछि (११) (४) एकहि गावि वसंतड़ा, एका अंतक होइ
अहि डंकि महिया मरए, मणि जीवइ सहकोड (१०) (५) चंदूपल किरणे हितहि, दूरहिया विसवि (२०) (8) अंघउ अंध ताणियए, कवणु कहेसइ माण
केवति पर निम्बाणिगड, धम्म मतंतरि भगए (२१) (७) चंचल चित्त पर्वगु जिम, वय बंधन न धरेसि
धम्मारामि विवासिया, मूढा इत्य मलेसि (e) नइ वडमाथि सषण जल, मुक्कह इमर बहाव
वायर बढइ रिधिडी, भगूगण निघण थाइ (४२) (९) पढिउ गणित यत तविउ, संजमु विल चिरकाल
लइ कसाय मवि वसि कर सि, डा सह इंडिय जाल (४) (१०)जसि पवतिय अमु बेशि पुषि, ना गावि दि
कम्य हावि विडियमम, वाहन निर्वदि (४) (१)रे बाग मम्मेष बहि, ना गम्भूति पलाय
कने का पक्कि सर, क्यण पराइ बास (४९) (१२)वन अमुक देह , बरि जिम कोड विद्या
भाव न मुबह गिव मा नाव पुरस्का गाड (५६) इस प्रकार पार बोस की मासि यह रखना भी अपना आध्यात्मिक महत्व रखती हैवन गरिको थापामा अपर बहस राजस्थानी या जूनी गुजराती है। रखना बरस मा काम्बारक है।