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पिपरघम लच्छ घणु जम इज्जपु थरवारि
कलिगि बसु निविडइ परिपु मुलीड डड अंगो अंगि भिडहर मि सुम मुनाउं बहेड़
मवर्षगमि नारायण ख लाइ गर्णतु तिम मस्यई सम्जा तमई गुणा लामइ अन्तु धनुनरिसा बीया सलिल, सोहा मलाइ बन्न गल्या बुदइ जीवियइ स्ट्राइ विणसह कल
बसु बनि जीकि दो अवरु कि काझं लापरत डसइ अहरू बाधमा मह पिक्निवि षियहविचार
नह घट्ला घर बितिया अY दिशु विवीलीह अवलगने वितुम्ह गुण मूरि पूरीन सभीड मरि परि बास्य नर मामी मार विद्व मधिन स्मिा सारिया विजा मयम गुड अबवड परिस शालय शीतली पत्ति व शिव शिकिय जान पर रविराति कन्धिी मनु वा परवाना गिर अनुक दिन बारिया हम सिरका मी कि
वरिषन मी वाशिी होई कमा दिन विना भी बाबा जी काम पियहि मियममा महिला जिया
1- हिन्दी
अनुशीलन • वर्ष : अंक
पु. ११६॥