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निकल आता है। कुल लाभ माधवानल क्या में भी यह प्रहेलिका मिल जाती है
कुम आधार जीवित उने काम घरनि कुणि बाइ
१
भवन पुरि पुल स्त्री परमी किही जाई
४१वीं कड़ी में भी एक प्रहेलिका एक स्त्री के लिए है बौपानी में रहती है बहुत
काली है तथा जो उसे देखना नहीं चाहती:
एक नारि अति सामली पानी माहि वर्षति
ते तुम दरसण देवा अलजउ अतिहि करंति १२४१।।
इस पहेली का उत्तर है - (अति)
४स्वी नहीं में भी इसी प्रकार की पहेली है:
श्रीषति सू अरि मंडणह भेजण नंदन नाह
१
aft बंधन मल्लडी त ऊपर उखाड
इस पहेली का उत्तर है -नाद सम्पादकों नेइसकी पर्याप्त व्याख्या की है। इसी
पति पहेलियों में निम्नति कड़ियाँ इष्टव्य हैं:
बार किसिट जीबी व प्रिय संगम सिर थाइ फूलमा
मूग
स्वी परणी किही जाइ
आदि पर प्रभु मामति
भंवर प्रिय दाहि
(४०)
काम गाथा क्या।
36.0.5. XCIII Page 406.
The ornament of the son of the consert of Laxmi(i.e. the son of Krishna 1.8. Pradanan er Kandeo) and Ratigi.e. Chandra) the lord of the son of earth 91.0. Nangalpati 4.0. Grshpati 1.8.Chandra) Its brother who is in its heart (1.e.Haria is in in the heart of Chandra and dear to Harin is Sarang or I Lute. I have a seat for some thing on it(it i.e. the Naa er tase of Sarangi) The answer of this Prahelika is Nad er a musical tune,
6.0.8. OXVIII P. 373.