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________________ का जीवित निकलना आदि घटनाओं में कवि ने निश्चित रूप से वैवीय तत्व का सहारा लिया है जो क्या में वैविध्य व कौतूहल उत्पन्न करती है। पाश्चात्य साहित्य में शेक्सपियर ने नाटकों में भी वस्तुतत्व में इस प्रकार के अप्राकृत वर्णन मिलते है। सामाजिक तत्व कति में कई पसे स्थल है जिनमें कवि सामाजिक तत्वों व स्थितियों पर प्रकाश डालता स्त्रियों का चरित्र, पुलों का दर्ष, स्वार्थ आदि का जुलकर वर्णन है। जनसंबर को कनमाला के धोखा देने पर जबसबर स्त्रियों के स्वार्थ, विश्वासहीन रूप तथा कृष्ण पक्ष पर विस्तार में विवेचन किया है।वर्णन भाषा की सरलता सरसता और भाव प्रवमता देसिप: देसि चरित जब बोला राउ, अब यो पया भर के ठार विरियह सपउ जुपति गठ करइ, मो भाषा अणसुटइ भरड सिरियहि साहस यो होइ, तिरिय बरित जिण कुलह कोड नीची बुधि तिम्वरम् निहरड, उतिम छोडि नीच संगइ पगडी नीच देइ सो पाउ, एसो निवड व सहार तिरिय बियास करइ जो पर, जिहि जीउ सोयो रामा इइजे राज अमोधर मबउ, अमइ महा देशो मालयन विस लाड वा मारयो राउ, पुषि कुवा सम्यो करि मार अमया राणी किए विनाम, मुड दस लागि गए परान मिलिपि महा हो यो, लइ तप चरण शुस गया राम राम बाटी राडि, विग्रड पया पनका लागि या इडइ, संका पर सी, लाइ स्यो पहया रावण संघरइ कौरों पाडो भारत भया निस्कुिललेत महाहन व्यउ भवर पोल्मी पारि बेइ बल बोलइ दोवड नारि (२५५-२६५) सार इन विविध दृष्टान्तों कवि स्त्री परित पर कीर्विपूर्ण प्रभाव डालता है।
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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