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प्रद्युम्न सम्बन्धी काव्यों की एक विस्तृत सूची दी है।
प्राकृत में ऐसे प्रसिध वरित पर
प्रद्युम्न संबंधी संस्कृत में सबसे प्राचीन विवेचन जैन महापुराण (उत्तर) मैं उपलब्ध होता है। आमेर मंडार में वीं शताब्दी में बहा देनाचार्य कृत प्रद्युम्न चरित्र मिलता है, माकृत में इस सम्बन्ध में अद्यावधि कोई उल्लेखनीय कृति प्राप्त नहीं है। जो के अभाव के कारण ही है अव उत्कृष्ट कृतियां मिलने की संभावना है। अप में प्रद्युम्न काव्यों की लम्बी श्रृंखला है जिनमें प्रमुख प्रमुख व शताब्दी में स्वयं रचित हरिवंश पुराण में वर्णित स्थल वीं शताब्दी महाकवि सिद्ध द्वारा विरचित रचना, पट्टारक सकलकीर्ति और सोमकीर्ति की १५वीं शताब्दी की रचनाएँ महा कवि रधू का प्रद्युम्न वरित, आदि ग्रन्थों के साथ महाकवि पुष्पदस्त का अपभ्रंश पुराण में भी वर्णन मिलता है। हिन्दी में वीं शताब्दी के उत्तराध से लेकर १७वीं तक कई रचनाएं प्राप्त है यथा- रविसागर कृत प्रद्युम्न चरित (० १६४५९ वीं सदी का यशोधर कुरा प्रद्युम्न चरित, सं० १६२८ का अहमरायमल कृत प्रद्युम्न रास तथा देवेन्द्र कीर्ति रचित प्रयुन प्रबन्ध और प्रबंध और प्रद्युम्न चरित भाषा आदि ग्रन्थ लिये गए है इस तरह परवर्ती काल में भी वह परम्परा सुरक्षित विकसित हुई है।
रचना में
महाकाव्य के कई बढ़ते है पद वे किस दे होने से तथा बंद काव्य की सीमाओं से ऊपर उठे हुए होने के कारण ही इसको पका काव्य की कर दी गई है । इसप्रकार की कुछ लायनिक बाटों का विवेचन इस प्रकार है।
विरत्न कोश: प्रो० बेलकर।
उत्तर पुराय: जिनसेनाचार्य कृत ५० ४१० ज्ञानपीठ काही संस्करण।
3- प्रतुष्य वरिवः श्री काकीबात-प्रस्तावना ।
४- वहीं
- मानेर भंडारथ सूची बाग ३ विषय सूची । ६. वही ।