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(द) प्रकृति वर्णन (4) विविध विड्याओं के वर्णन (क) बरात वर्णन, नगर वर्णन (स) न्याय विनोद वर्णन (ग) मा वर्णन (प) व्यापार वर्षन (30) सेना वर्षन
इन विविध वर्णनों में प्रयुक्त काव्यात्मक स्थलों के अध्ययन करने पर रखना के सौन्दर्य का मूल्याकन किया जा सकता है। बाल वर्मन की पृष्ठभूमि में पुत्र प्राप्ति के जन्मोत्सव और हर्षोल्लास का वर्णन यिा है।कुटुम्ब में बसाय माय गर नामिकाओं के मृत्यहुए मोतियों से चौक पुराए गए, विविध दान दिए गए, मादि भी सामाजिक प्रशाओं की और कवि की इष्टि गई है। जन्म वर्णन के पश्चात् कवि ने बालक जिनदत्त की शिक्षा दीया पर प्रकाश डाला है। कुशाइदिध जिनदत्त ने १ कलाओं में थोड़े ही समय में बता प्राप्त की। यही नहीं उसने युध कला, व्याकरण छंद ज्यो सिम आदिपी निपुणता प्राप्त कर ली। बाल वर्मन की बारीकियों का सूक्ष्म विश्लेषण कवि ने कहीं नहीं किया। पूरे वनको कवि बारक परक पारा और भावों में बर्षित कर बेटा है। बालक कीमा भाग पिताओं का उल्लास ज्या मानहीन होने पर उनकी शेक पूर्व दोनों स्थितियोंका सरल सा बर्मन कर कवि जाम कर जाना है। वर्षन के मापी उसा कर अधिक नहीं रममा। उसको लगता है कि क्या किया पटनाओं प्रस्तुत मात्र करना TT इन्ही कारणोरा वा प्रधान वर्षनात्मक बन गई है, क्या भूब कही भी व्यक्ति नहीं बाने पावा प्रारम्भ से लेकर अन्त तक पूरी था नाबक जिनदार अत्यतिन प्रवनशील परिलक्षित होती है इससे स्पष्ट होता है कि रचनाकार काम निर्मित करने की शक्ति सब विद्यमान थी। विविध वनों में इस बया काज की सरसता मनपूर्व योग दिया है।