________________
विवाह के लिए तैयार होने पर घर में बनाए थाने के लिए विविध भोज्य पदार्थों का कवि ने क्रमशः वर्णन किया है। प्रत दधि गोरस और चंदन आदि सुगंधित दुव्यों से बने विविध पक्वानों का वर्णन देखिए:
धवल तणी सरधोरणी तोरणी तस्वर पान गैति गहिल्ली गोरडी ओरडी भरई पक्वानु संचियइ त दधि गोरस ओरस चैदन हेतु कीइंफाल फलावली आपली पडई अचेत आणइ अनुचर आकुला चाकुला चाउरि पाट मोड मंडपि माडषी आडमी ऊपारि त्राट हरिमन हरिखि हकारिय नारिय स्य निजजाति बइसिई बडल हुडाई भाईय जिमते पाति पडिला नीली सूक्यि भूक्यि फलहलितीड देखीय मोदक पुरकीय पुरकीय जमता जीह बाजा बरहर चूरता कूट ता भाविउ थालि जामंइ त जिम पाणीय ताणिय ठीजइ दालि भामा बबन संसालले सालणे बाधी पालि पीलई पापि परिमल निर्मक बहुल विवालि मधुर करंबक परि सुपरि परीबई धोक
मुख इधि करई विकर विय करविय करई बोल (...) मवावों में बैठकर नैमि को निहारने वाली मारियों का वर्णन कवि ने सजन के किया है। अहंकारों की भारसा याक मौषना, विविध दृष्टान्बों और उदाहरणों से पुष्ट करके कवि ने प्रस्तुत की। कवि की ग्लोवार बड़ी महत्वपूर्ण है। कारुणिक विप्र कवि के विद्याप और दूड़ियों के तोड़ने तथा गिर गिर पड़ने धरने बादि का पनि का मार्मिक तथा प्रवास पूर्ण किया है.
बवति बिरसाना हा महिनाडिय अपार प्रियमेला में वासरे भामरे बडिय सारि ई पनि देखी बावरी बावरी बावरी यादवराई