SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 45
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आतिकाल कहने का लोग कर रहे हैं वह वन्ततः अपभ्रंश का प्रौढकाल है।आचार्य हजारी प्रसाद जी हिन्दी की जिन अज्ञात नामारचनाओं के बोजने की चिन्ता में उलो हुए है वस्तुतः ये कमी निर्मित हुई ही नहीं। परन्तु वास्तव में दिववेदी जी ने उपलब्ध साहित्यका जितना विश्लेषण क्यिा है वह बहुत वैज्ञानिक और पर्याप्त सुलभा हुआ है। मालोकों की इन प्रातियों का निराकरण प्रस्तुत ग्रन्थ की उपलब्धिओं और कार्य दिववेदी जी केन्दिी साहित्य मन्न्ध के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित उनके मुलझे हुए विचारों से हो जाता है। (3)- उत्तर अपज काल, आविर्भाव काल अथवा प्रारंभिक काल वस्तुत: उक्त समी तकों का अध्ययन करने पर इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि उक्त मामों में मादिकाल का सवागीण स्वच्य प्रस्तुत करने वाला और अपर तथा देशी पाबानों के सभी साहित्य का समापन करने वाला कोई नाम नहींप्राप्त होता। वास्तव में आचार्य पुल जी के अनुसार मम्मों की संख्या और उनकी मुख्यप्रवृत्तियों को ही भार मान कर नामकरण मिया गाय, तो आदिकाल की उपलमथ नवीन सामग्री के आधार पर यह कहनाई हो सकती है। ___ हा प्रयों की सख्या का प्रण दिी जैन साहित्य की रचनाएं मैकड़ों की संख्या में उपलब्ध होती और प्रवृतियां और ग्रन्धों की प्रविधियों को देखकर मासिाल का मामारक बना बहुत ही सब है। आज वाचार्य राम चन्द्र इक्ल होते हो नादिकाल का नामकरण यावित जैन-काल या जैन-अम कर सकते थे, परम्तु इसनी विशाल यादी जैन रचना प्राप्त होने पर भी सिधों, माओं, जेनेवर कवियों एवं क्रय, अवधी बा मावी की रसनानों का सम्यक धूल्यांकन होना परमावण्या दृष्टि से जैन युग आदि जैन काल माम मादानिकी होगपरन्तु क्योंकि अधिकार बनाएं देही भाषा की ही मिलती है और दीपावागी रा नाम उस्तर पर है : आविकासका मामसरन उत्तर-अप-TE कर सकते है। क्योंकि इसमें अभय उत्तरवर्ती स्वम का प्रतिनिधित्व करने वाली सियों, मानों अवधी, अब, मैथिली की, प्राचीन राजस्थानी गीर पूनी बराबी मिशी मी मानों T Twr लाख
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy