________________
और तीर्थकरों में से कुछ का सम्बन्ध श्रृंगार से रहा है अतः उस वातावरण का एक स्पष्ट चित्र खींचने और उसमें अपने चरित नायकों को आदर्श सिद्ध करने के लिए उन्हें इन मयादाओं का थोड़ा अतिक्रमण भी करना पड़ा है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि इसमें वे असफल रहे। इन्हीं फागु कृत्रियों में श्रृंगार के सफल चित्रण और संयोग वियोग की मार्मिक अनुभूतियों देखने को मिलती है। ताब्दी क्रम से इनमें से कुछ उत्कृष्ट रचनाओं का परिचय प्रमाकित है जिनके विषयों का विभाजन इस प्रकार कर सकते है:
१. गेय फागु २. श्रृंगारमूलक काम १. वसंत वर्णन सम्बन्धी फाग ४- यमक अनुप्रसा प्रधान चंगारिक काग ५- स्थान और तीर्थ क्या महापुरुष के जीवन सम्बन्धी गग।
उस आधार पर मेव रचनाओं में अधिकतर व प्रधान है। मिनी कामु बंच कहा जा सकता है। अंगार मूलक रचनाओं में नेमिनाथ स्थूलिमा और बंद स्वामी सम्बन्धी कागु बाबे है, वे मेब प्रथा योग वियोग से सम्बन्धित काब है। श्रृंगार को उददीन करने के लिए बन्द रिख सम्बन्धी, तथा काम परापन सम्बन्धी म काथ्यों की भी इन कमियों ना की है। इस मापार के बस मनाया खेती पर जिगर काम्यों पीना मनि "
विक्व भूरि काम
अब उपमान शाकानी रमा बसे प्राचीन है। रका छोटी
और रन मानिसहराट महोत्सव पर ले जाने के शिबिरमा रमा का क्योंकि इनमें सूरिषद सं०१४१ विभा नामक मानवतः खरबर के किसी जैन गा मे हिदी जोगीवामी सम्पपरिबीवियों मिी मे पा प्रतिपादन
-
-रखर मन पटाकली
- सन्यास निजि विया जी..