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९ कड़ियों का एक भूलना छंद है जिसमें अत्यानुप्रास का काव्य चमत्कार है जिसमें उसकी गेयता स्पष्ट होती है और यह छेद प्रथम बार प्रयुक्त हुआ है। १०वी भाषा में दोडा और ११वीं में कवि के नये प्रयोग है प्रारम्भिक कड़ियों मै १६, १६ मात्राओं का एक चरम है और फिर १३ मात्राओं की एक माली । रवीं रवीं भाषा में इसकी त्रिपदी छंद है। इसमें पोहे के साथ "ए" का प्रयोग व आवर्तन तीन बार मिलता है। इस प्रकार दोनों कृतियां अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।
वस्तुत: To हरिव को ने अपने ग्रन्थ अपभ्रंश साहित्य में इन कृतियों को स्कूट साहित्य कह कर छोड़ दिया है और इन रासों को अपभ्रंक की ही कृतियों माना है पर उक्त विवेचन के आधार पर इनका यह भ्रामक सिद्ध हो जाता है। ऐसी कृतियों को अप की कहना प्राप्त तत्कालीन लगभग सभी रचनाओं के लिप, माषा, शैली, काव्य, तथा इतिहास की मान्यतानों की उपेक्षा करना है। वस्तुतः दोनों रासों की साहित्यिकता सिद्ध है।
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