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________________ बालिग बदल गाडिलाना आपनपों निरकाही मूढा विज14-0| (6) तितर बोलतो ही हुवी राजा अबलेसवर को है भाइहो या ना तुम्ने कही छ चालती बडबडीमार मनि न हुई एक ही पही या नौ । भवानी आस ज्या जागी त्यो परो आसपास--- 100 ( पिणि कधीर न बीपहनक है ए हो म जीपदाम है शिव सातिसम जति सिल हारयो बीवी पकडि ए बड़ी बड़ा है वष मदि। इन मन्हे धूवा की गैल मरा। माई बाप बीबरा बीन परव बरा अब यो अभिमान काम की। इसको सत व अहंकार न हमहू संगर () (५) का काइर पुरिस है दो की ही काउमिनाथारइ कीमी पागे पाल गलगह न बालापानम बी मला मला लोकग का क्या करना। चार माभन्या आसु पुछि माता डीयौविवाग बाडीग बाई -प्रिथिमी प्रविपि यो यो गली मारह बार दुरिताप मोरी राना सर कीन्यौ।मान सी पुहविरियो पनि संगल्या सरमिालिपि बेला की या परी रा राइ रोक्न कमि -.) सदध में वीरमति पाने पर रानियां क्या अपना माल सम व मोशों हाथ रेगी। यि गला रेलयाना मी बावापानी बता पर या और उनका वासिनो सही उत्तर होगा। मा सिमाज कीरनोरमारापीर परपर भी को बपिय गालावों बौहर कणली बार मौरी मादा की साकीबी। मा गरीब गायोमारन की सामग्री क्यिा सिर: पानी कौकबारे बाकी हो हीरोटि देवता हित शिरपहार ती मारे गम ना हो औ मिना बाम मा पावसामा माइनोमयी बोका गोवाइस परियार र गौम बाहिरिरीनार का सामान दिलाई रिव
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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