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ज्यमन्टन "बार साहि रिटमाहि विमार बलिया सहि *धि दात सबला हि भान परवान निवल साहिथापना बारिजासंग्राम बाहि जग थरिन पाना माहि जइस परिवार द्वारी अलावदीन किस पकि प्रारंमि पारमि भाइ टिक्यो है।। पमि पगि पाहि पालि इस्ती की गजघटा। ती परि सात साख जोध धनकधर सावठासात सात उति पाइक की बैठी सात सात उहि बाइक की रही। डा डिन पुद फरारी मुह पकि ठी ठाठारी।इसी एकल्या पाट उहि पत्र दिसी पडी।तिमी वापित निनादि घरमाकारस पड़ी।पाप बाप हो थारा मत देव अहंकार रा राममहार १८-१) इस प्रकार कई दिनों तक कर अपच चलता रहाारत की नदी गा मईयुद्ध स्थल इमरान हो गए। मिल मंडराने लगे। राषपूर्वी असापाल गोड्या पारन सिंह ने या ही मरकर प्राप दे की प्रतिज्ञा की पेशी मधि को बार बार घोड़ी ही मिल सकती है और इसी तरह भयंकर मारकाट कर शव पेलने पाहवासिंह क्षेत्र रहे। राव का दव पर मायावर्षन की कापिकवा एवं वीर नाविनाशिनी । उन्नीस :
इसी परित्या मग कार भारती डान्टमी पारण माग धी त्या दारीमण्टमी गार गाणी बाप की गाडि भरको बारिकादया। किमाना । रात दिनति
पीमा विरगना नबी पाहिल्यामाबरस बनि बनायो। सिरे बोलो मी.पानी बारामा अपलेसवर प्रवि वीप मार माई इल प्रा पाडली बार बार। ४-५) मा पुनारथ की यह
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