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बरवरगुरु गुण हाप्यय- मंद- श्री गौतम स्वामी दयन्द-(प्रथम दिवतीय)-अंबिका
द- श्री स्थूलिमद्र मुनि छंदासि- सत्कवस्तु-जम्बूस्वामी सत्कवस्तुदिवप विका-क्षेत्रपाल दिवप विका-गाथा-मंगल-गा T- आरात्रिक गाथा. कम्मभूमि गाथा- रेलमा- जिनचन्द परि रेटा- श्री गलिमा रेलमागरावली रेआ- चाहायप- मिनप्रबोध सूरि मंद्रायणा- श्री जिनेश्वर रिक चन्द्रायणा- अष्टक-जिनभद्रसूरि अटक (ब) विषय प्रधान- बैत्य परिपाठीभी हुंजय परिवाडी- श्री बैत्य परिपाठी-श्री नगर कौट तीर्थ बैत्य परिपाठी- बारहमासा- नेमिनाथ चतुम्पदिका-नेमिना बारहमासा रासो. धूलिभद्र बारहमासा-नेमिनाथ काग बारहमासा- पट्टाबली-बरतरगच्छ पटाकळी गुणवर्णन- जिनवल्लभसूरि गुण वन-संवाब-कृपणनारी संवाद- कुलक; उत्तम पुस कुलक- अनाथी कुलक- मात्स्यनवकार महास्य- भोर, परतेश्वर बाहुजली घोर- तलहरा- अम्बिकादेवी पूर्वभव वर्षन- तलबरा- बोध-नरनारी सम्बोध- दो अन्य विषय प्रधान कृरिया-आपदो-(आध्यत्मिक रमा) ज्या मृगापुसकम् (उपदेश प्रधान)। (पृ.७३७-८३०)।
आदिकालीन हिन्दी जैन साहित्य(३) स्तवन काब्य परम्परा संस्था मन्तक काव्य का स्वम:- सन सनक काव्यों की परम्परा-स्तवन गव्यः
मुक्तक काव्यः -प्राक्त अपश- पुक्क मीब मुक्तक गीति का शिल्प- उमिकामक्या स्तोत्र स्तबम गाहित्य मी स्वो स्तवन में गीति काव्यों का वैशिष्टक प्राचीन बोत्र संग्रह- वेद महाभारत और पागवत पुराण में गीत स्वोरप्राय माकानों पर स्वोत्र सक्न- उत्तर अपस काल में मौत सोत्र स्वचन- हिन्दी साडिव और मुक्का बाहिर गीत स्वोत्र और सन के प्रमुख प्रकार- बास मी-योग-स्तन-कला-बोरिका-शुषि-मीनदी. सम्मानमस्कार-प्रति-कोसिशामिल और धार्मिक पुस्तक-उत्साह