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________________ ८८ जा सकता है। ८- उमा तथा वैश्या प्रथा: तत्कालीन समाज में वैश्या प्रथा के भी कई उदाहरण मिल जाते हैं। समाज मैं अनेक स्त्रिया इस अनीतिपूर्ण देते हे अपना जीवन चलाती थी। सा तथा धनिक वर्गों में जुबा बेला जाता था। पुरानी हिन्दी में ऐसी कृतियां मिलती है जिनमें मारियों या वैrयामों का वर्णन है। उदाहरणार्थ कथनवाला दाब में बंदन बाला को वैश्या के हाथ बेचा गया। स्थूलभद्र रास और कामु में स्यूलिप १२ वर्ष तक कोवा वैश्या के ही पड़े रहे। जिनदत्त करप में जिनदत्त को सांसारिक कर्मों में डालने तथा स्त्री के काम मोह में कंसाने के लिए अनेकों बार उसके माता पिता ने वैश्यागामी तथा जुजारियों के पास भेजा। मंद पान्डव चरित रात में भी जमा वर्षम मिलता है। इस प्रकार के कई उदाहरण है। ९- युद्ध wat को विशेष प्रिय था। युद्ध में होने वाला अपब्यय दिक्विय के लिए मावश्यक था। सुन्दर स्त्री तथा अटूट धन पर आक्रमण करने के लिए युद्ध करना राज में स्कृतिक तथा पारिवारिक प्रधान नियम समझा जाता था। किसान after reaकारों द्वारा उपाधि राजाओं के युदध में होता था त उप की मे राजाओं की इवि को बोला ना दिया था। बस्तः इसी कारण के बाहरी शक्ति का सामना करने में कार्मिक प्रायः यों से दूर भागते थे। च से दूर मायने के लिए वैश्यों ने कृषि तक बना लिया। पेवा भी उन मिलता है। 1 १०- साधा कम चार का जीवन नहीं था। उनकी वर्जित माड़ी कमाई को दे करते थे। सम्पत्तिकों के पास वैभव बन जाती थी। राजपुरोहित, रे, राजा, नवाब कादि अधिक है। वन्य कावा मनान के १०००: हिन्दी विडी ११०
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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