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________________ शाखाओं और पत्तों की तरह फैले अन्य मुस्लिम केन्द्र मानो अध्ने आप ही भी गए और नष्ट हो गए। तभी महाराणा की सहमति से राव जोधा ने मंडोवर के समीप ही वर्तमान जोधपुर की नींव (सन् १४५९) में तथा जोग के एक मेटे ने सन् १४९५-७१ में अपने लिए एक नये राज्य बीकानेर की स्थापना महाराणा कुम्भा बड़ा ही विश्वान था। वह मराठी और मन का अा जाता था। उसने गीत-रत्नाकर की रचना की जिसकी एक मात्र प्रति बीकानेर के राजकीय पुस्तकालय के साथ कन्नड़ी टीका भी है। इस प्रकार मध्य देश में तो इस्लाम का सर्वत्र बोलबाला रहा या जाणकारियों ने कहा की कला संस्कृति और प्राचीन साहित्यको पूरा पूरा वंश किया। यही कारण है कि म देशीय प्रान्तों की आदिकालीन हिन्दी जैन साहिल्की अद्यावधि कोई भी प्राचीनतम रचना १५वीं बताइदी के पहले की उपलब्ध नहीं होगी। बात सम्भव है कि ये सब नष्ट हो गई होगी या यह भी सम्भव है विकी डार में दबी पड़ी में जो कालान्तर में होने वाले शोध में पायो। की प्रानकारियों का ने भनी परिसर याय ने बयान और गुजरा बरामर के से। इसीलिम प्राचीन राजस्थान और शराबबादिकाल की वनामों साथ साथ संस्कृत, प्रा या अपशक की मिया भी tantn सकी। सारे पुरवित हारों में समा तीनों भागों पुरानी हिन्दी विपुल साहित्य र मध्यकालीन गरियो हो हजारों और लामो प्रतियों मारा राजस्थान वीसिंह मेवा।
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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