________________
आधुनिक कहानी का परिपार्श्व / ६१
ऊँचा करे । अपनी ऐतिहासिक कहानियों में इस विचारधारा को सजीव रूप देने के लिए शास्त्री जी ने अनेक ऐसे पात्रों की रचना की, जो भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परम्पराओं, और मूल्य - मर्यादा का प्रतिनिधित्व तो करते ही हैं, उनमें आधुनिक तत्वों को भी समाहित करने में उन्होंने विशेष कलात्मक कौशल प्रदर्शित किया है, जिसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त हुई है । इस सम्बन्ध में उन्होंने लिखा भी है कि सत्य में सौन्दर्य का मेल होने से उसका मंगल रूप बनता है। यह मंगल ही हमारे जीवन का ऐश्वर्य है । इसी से हम लक्ष्मी को केवल ऐश्वर्य की ही देवी नहीं, मंगल की भी देवी मानते हैं । उनकी ऐतिहासिक कहानियों की सबसे प्रमुख विशेषता वातावरण निर्माण की अद्भुत क्षमता है । 'सिंहगढ़ विजय' की अधिकांश कहानियाँ इसका प्रतीक हैं । उन्होंने जिस किसी भी काल का कथानक उठाया, उसे सजीव कर दिया और ऐतिहासिक यथार्थवाद (Historical Realism) को बड़ी सफलता से उभारा । ऐतिहासिक पात्रों के चरित्र चित्रण में भी उन्होंने उस काल की व्यक्तिगत विशेषताओं, आचार-व्यवहार, लोक-संस्कृति एवं सामाजिक परम्पराओं का विशेष ध्यान रखा है, जिसके कारण वे पात्र यथार्थ प्रतीत होते हैं और अपने काल का प्रतिनिधित्व करने में पूर्णतया सफल होते हैं । शास्त्री जी की कहानियों में ऐतिहासिक रस प्राप्त होता है और उन्हें संवेदनशीलता से ओतप्रोत करने में उनकी कला खूब निखरी है ।
भगवतीचरण वर्मा ने भी अपनी सूक्ष्म दृष्टि से हिन्दी की कहानी कला को समृद्ध किया है । किसी चीज़ की तह तक पहुँचना, उसके वास्तविक रूप को समझना वे अच्छी तरह जानते हैं । कहानी कहने का उनका ढंग अत्यन्त मनोरंजक, कल्पनापूर्ण और आकर्षक है । उनके द्वारा वे किसी ऐतिहासिक या सामाजिक सत्य की व्यंजना करते हैं, जिसमें व्यंग्य का पुट रहता है । उनकी कहानियों में पात्र बहुत कम होते हैं । किन्तु उनमें मांसलता रहती है । उनके कथोपकथन चटकीले और अनूठे