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________________ १२८ / आधुनिक कहानी का परिपार्श्व मार्कण्डेय, भीष्म साहनी और सुरेश सिनहा प्रमुख हैं । यद्यपि इनमें से लगभग सभी ने आत्मपरक दृष्टिकोण लेकर भी कहानियाँ लिखी हैं, पर वे नगण्य हैं । इनके चितंन का आधार समष्टिगत ही है । 2 २- व्यष्टि-चिंतन की कहानियाँ : इनमें मोहन राकेश, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कमलेश्वर, राजेन्द्र यादव, मन्नू भण्डारी, कृष्णा सोबती, उषा प्रियंवदा, फणीश्वरनाथ 'रेण', ज्ञानरंजन, सुधा अरोड़ा तथा रवीन्द्र कालिया आदि कहानीकार शामिल हैं । यद्यपि इनमें से सभी ने समष्टिगत चिंतन की कहानियाँ भी लिखी हैं और नरेश मेहता, मोहन राकेश, तथा कमलेश्वर ने तो कुछ प्रगतिशील कहानियाँ भी लिखी हैं, पर सब मिलाकर उनका आग्रह व्यष्टि-चिंतन की ओर ही अधिक रहा है । यद्यपि यह वर्गीकरण बहुत स्थूल है, पर इससे कहानीकारों की मूल प्रवृत्तियों का विश्लेषरण हो जाता है । अधिक सूक्ष्मता से विशद वर्गीकरण कहानी की अलग-अलग विशेषताओं को लेकर किया जा सकता है, जैसे प्रेम-कहानियाँ, सामाजिक कहानियाँ, राजनीतिक कहानियाँ, हास्य रस की कहानियाँ आदि ।
SR No.010026
Book TitleAadhunik Kahani ka Pariparshva
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages164
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Literature
File Size18 MB
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