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मन्तगि आहिक लेख
५६३ मन्तगि (धारवाड, मैसूर)
कन्नत [ इस लेखमें फाल्गुन -?-बडुवार, मर्ववारि मवत्सरके दिन मूरस्तगणक सहलकोतिदेवके शिष्य तथा मल्लिगुग्डके महाप्रभु विठगीडके समाधिमरणका उल्लेख है।]
[रि० इ० ए० १९४७-४८ क्र० २१० पृ० २५ ]
५९४ येलवर्गि ( रायचूर, मैसूर)
कन्नड [ यह लेख एक भग्न भूतिके पादपीठपर है। इनमें मूलसंघ, मूरस्तगण तथा कन्निसेट्टिका उल्लेख है।]
[रि० इ० ए० १९५५-५६ ० २२५ पृ० ३९]
५९५ तिरुप्परंकुण्डम् (मदुर, मद्रास)
तमिल (2)- ब्राह्मी [ यहां पहाडीपर दो गुहाओमे निम्न पक्तियां खुदी हैं। ये गुहाएँ जैन धमणोंके लिए उत्कीर्ण की गयी थी
(१) न य (२) मा ता ये व (३) ब न तु वा ण को टु पि ता वा ग]
[रि० इ० ए० १९५१-५२ ० १४०-४२ पृ० २२]