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________________ जैनशिलालेख-संग्रह [५९६ देवत्तर (मदुरा, मद्रास) बट्टेलतु [ यह लेख बहुत अस्पष्ट है। इसमें किसी पल्लि (जैन वसति) तथा तुग पल्लवरैयन्का उल्लेख है।] [रि० सा० ए० १९३१-३२ ० ५९ पृ० १२] ५६७ अक्कूर (धारवाड, मैसूर) कन्नड [यह लेख वीरभद्र मन्दिरको एक भग्न मूतिके पादपीठपर है। इसमें शान्तिनाथ, सोमदेव तथा वसुधाकरदेवकी स्तुति की है। सातोन-रामोजद्वारा इस वसदिके निर्माणका उस्लेख है।] [रि० सा० ए० १९३२-३३ क्र० ई०७ पृ० ९२] हावेरी (धारवाड, मैसूर) कन्नड [ इस लेखमे मादरस-द्वारा जिनमन्दिरका सीढियां बनवाये जानेका उल्लेख है । इस समय यह लेख वीरभद्र मन्दिरमें लगा है। ] [रि० सा० ए० १९३२-३३ ३० ई० ९६ पृ० १०१] ५६६-६०२ इगलेश्वर (विजापूर, मैसूर) कन्नड [ये चार समाधिलेख है। पहलेकी तिथि तारण, अमावास्या, शुक्रवार यह है । यह सत्यण्णकी समाधि है। दूसरा लेख अग्गलसेट्टिके पुत्र शान्ति
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
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