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हुमच आदिक लेख
४३८ हुमच (मैमूर)
१६ची मढी, कन्नड १ श्रीवोम्मरसनु रूपबतिनिढनू
[ यह लेख पार्श्वनाथत्रमदिमे स्थित क्षेत्रपालमूतिके पादपीठपर १५वी मढीको लिपिमे है। इसमें मूर्तिके निर्माताका नाम वोम्मरम दिया है। ]
[ए० रि० मै० १९३४ पृ० १७७ ]
४६४ सेतु (शिमोगा, मैमूर)
१६वी मढी, कन्नड , स्वस्ति श्रीगुम्भय सेटियर वस्निय श्रीवर्धमानस्वामिय सनि
धानढल्लि गणपणमेटियर मग सघय्यसेटियरु तमगे पुण्यात
वागि प्रतिष्ठे मादिमिट अभिनन्दनतीयश्वरनिगम• गल महा श्री श्री श्री श्री श्री
[इम रेखमें मघय्य सेट्टिद्वारा अभिनन्दन तीर्थकरकी इस प्रतिमा की स्थापनाका निर्देश है। इम समय गुम्मयसेट्टिकी वसतिके वर्वमानस्वामी उपस्थित थे। लिपि १६वी सदीको प्रतीत होती है।]
[ए० रि० मै० १९४४ पृ० १६६ ] ५००-५०१ तिरुनिडंकोण्डै ( मद्रास)
१६वी सदी, तमिल [ इस लेखमें एक पद्यमे कोण्डमल निवासी गुणवहिरमुनिवन् (गुणभद्रमुनि ) की प्रशसा की गयी है जो दक्षिणप्रदेशमें तमिल और सस्कृतके
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