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(२.४.३२२-३२२)
सोणदण्डउपासकत्तपटिवेदनाकथावण्णना
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सुविमलविपुलपावेय्यत्तियजननाय साधुविलासिनिया सोणदण्डसुत्तवण्णनाय लीनत्थपकासना ।
नाम
लीनत्थपकासनिया
सोणदण्डसुत्तवण्णना निहिता।
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