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४२) चतुर्विंशति-स्तव में किनकी स्तुति की जाती है ? (पृ.७६, प्रस्तावना) ४३) 'वन्दना' किसे कहते हैं ? (पृ.७६-७७, प्रस्तावना) ४४) प्रतिक्रमण करने के पीछे कौनसी भावना होती है ? (पृ.७७, प्रस्तावना) ४५) 'कायोत्सर्ग' का नामानुसारी अर्थ बताइए । (पृ.७७, प्रस्तावना) ४६) प्रत्याख्यान' शब्द का अर्थ संक्षेप में बताइए । (पृ.७७, प्रस्तावना) * टीप : 'सम्यक्त्वपराक्रम' अध्ययन में षडावश्यकों के फलों के बारे में जो विवेचन किया है, वह शिक्षक क्लास
में स्पष्ट करें । उनपर आधारित प्रश्न नहीं पूछा जायेगा। * 'प्रमादस्थान' अध्ययन पर प्रश्न पूछे नहीं जाएँगे । लेकिन शिक्षक प्रमाद' शब्द का व्यावहारिक अर्थ
समझाइए । 'द्रुमपत्रक' अध्ययन में भी प्रमाद और अप्रमाद का विशेष स्पष्टीकरण दिया है ।
४७) 'कर्म' किसे कहते हैं ? कर्मों के आठ मुख्य प्रकार लिखिए । (पृ.८७, टिप्पण और अर्थ)
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क) बडे प्रश्न : (1) निम्नलिखित कथाओं में से कोई भीएक कथा सात-आठ वाक्यों में लिखिए । १) गाय-बछडे का संवाद । (पृ.२१) २) भिखारी और कार्षापण । (पृ.२२) ३) राजा और अपथ्यकारक आम । (पृ.२२) ४) तीन व्यापारी पुत्र । (पृ.२२-२३) ५) कपिल मुनि और पाँच सौ चोर । (प.२८. परिच्छेद ३) ६) लेश्याओं के बारे में जामन का पेड और छह लकडहारों की कथा ।
(II) निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषयपर पाँच-छह वाक्यों में टिप्पण
लिखिए। १) वैदिक या ब्राह्मण संस्कृति की पाँच प्रमुख विशेषताएँ । (पृ.४४-४५) २) श्रमण संस्कृति की पाँच प्रमुख विशेषताएँ । (पृ.४५) ३) 'करकण्डु की प्रत्येकबुद्धता । (पृ.५८) ४) 'द्विमुख' की प्रत्येकबुद्धता । (पृ.५८) ५) 'विदेहराज नमि' की प्रत्येकबुद्धता । (पृ.५८) ६) राजा 'नग्गई' की प्रत्येकबुद्धता । (पृ.५८) ७) ब्राह्मण ‘जयघोष' की जिनशासन में दीक्षा । (पृ.६७, परिच्छेद २) ८) यज्ञीय' अध्ययन में चारों वर्णों के बारे में धारणाएँ । (गा.८३, अर्थ और टिप्पण)