SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 80
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सत्यमेव जयते. जगमां तीरथ दो वडां, शत्रुजय गिरनार; ओक गढ ऋषभ समोसर्या, ओक गढ नेमकुमार. सोरठदेश की धन्यधरा जगत के सर्वोत्कृष्ट दो गिरिराज को धारण करके स्वयं के सत्व और सामर्थ्य का प्रदर्शन कर रही है। इस सोरठ की शौर्यवंती भूमि ने अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों की श्रेणी के कारण गुर्जरदेश को गौरववंत बनाया है। तीर्थाधिराज शत्रंजयगिरि और गरवा गढ गिरनार के शिखर पर जिनालयों की दिव्यध्वजायें लोकोत्तर जिनशासन के गौरव को ऊँचाई पर चढाने के लिए मचल रही हैं। करोडों देवताओं से सेवित और पूजित गढ़ गिरनार बादलों से बातें करते-करते अनेक आंधी और तूफानों के बीच भी अचल खड़ा है। चक्रवर्तियों की भूमि हस्तिनापुर नगरी से प्रयाण करके मार्ग में अनेक गाँव और नगरों में विविध शासनप्रभावना के कार्य करते हुए पदयात्रा संघ अनेक तीर्थों की स्पर्शना करते-करते तीर्थाधिराज शत्रुजय महागिरि की स्पर्शनादि करके आज गरवा गढ गिरनार की गोद में पहुंचा है। दूसरे दिन मंगल प्रभात में बालब्रह्मचारी श्री नेमिनिरंजन के चरणों की पूजा करने के मनोरथ सहित संघपति धनशेठ चतुर्विध संघ के साथ गिरिवर की यात्रा प्रारंभ करते हैं । गिरिवर के कदम-कदम पर परमपद की सुवास का अनुभव करते हुए शेठ देवाधिदेव के दरबार में पहुंचते हैं। सभी यात्रिकों के मनमयूर नाच उठे । परमात्म भक्ति की रमझट मची है । संघपति धनशेठ ने सर्वोत्कृष्ट पूजाद्रव्य की सुवास से जिनालय के रंगमंडप को महका दिया है। सकल संघ उछलते हुए भावों के साथ द्रव्यपूजा पूर्ण करके तीसरी निसीहि के द्वारा भावपूजा में प्रवेश करता हैं, तब कोई अशुभ कर्मोदय से भावधारा में स्खलना करते हुए अन्य एक संघ ने जिनालय में प्रवेश किया। महाराष्ट्र के मलयपुर से गुजरात के गिरनार पर पहुंचे हुए संघ के संघप्रति वरुणशेठ दिगंबर पंथ के कट्टर अनुयायी थे। द्रव्यपूजा के दौरान धनशेठ ने सकल संघ के साथ श्री नेमिप्रभु को पुष्प की माला एवं कीमती आभूषणादि चढाए थे जो घडी दो-घडी में ही निकाल दिए
SR No.009951
Book TitleChalo Girnar Chale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirth Vikas Samiti Junagadh
Publication Year
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size450 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy