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१८. निश्चय नय
३. निश्चय नय सामान्य
का लक्षण (अर्थ-नियम से या निश्चय से ऐसा मानना चाहिये ।) ३. स. सा. । २४१ । प. जयचन्द “जहा निर्बाध हेतु से सिद्ध होय
सो ही निश्चय है।" ४. प्र. सा. । ता. वृ. । २ । १ “सशयादि रहितत्वेन निश्चय।" (अर्थः-सशय आदि रहित होने के कारण निश्चय है ।) ५. व. द्र. स. । टी.। ४१ ।१६४ "श्रद्धाना रूचिनिश्चयः इदमेवे
स्थमवेति" (अर्थ-श्रद्धा की रूचि ही निश्चय है जैसे कि “यही है ऐसे
ही है" इस प्रकार का निर्णय)
६. मो. मा. प्र.।७।१७।३६६।२ "साचा निरूपण सो निश्चय,
उपचार निरूपण सो व्यवहार ।"
७. मो पा. प्र. ७।१७।३६८।८ "निश्चय नय करि जो निरूपण
किया होय ताको तो सत्थार्थ मान ताका श्रद्धान अगीकार करना
८. मो. मा. प्र.६७।४।६।१६ “सत्यार्थ का नाम ही निश्चय है।"
६. चिद्विलास ।१४१५२-५६ (काल लब्धि, भवितव्य, व व्यक्त रूप
न जाने गये स्वभाव मे आस्तिक्य बुद्धि निश्चय कहलाता है।)
लक्षण न. २ (अभेद द्रव्य)
वस्तु निश्चयेतीति
१. प्रा. प.।१६।१२७ "अभेदानुपचारतया
निश्चयः ।"