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१४. ऋजु सूत्र नय ३८१
५. ऋज सूत्र नय
___ सम्बन्धी शकायें वह आज कलकत्ता गया है । यदि वह व्यवहार ऐसा किया गया हो, जिसमे कि भूत व भविष्यत की पर्याय का सम्बन्ध वर्तमान पर्याय से जुडता प्रतीत न हो तो वह प्रयोग पर्यायाथिक या जुसूत्र नय का कहलायेगा। जैसे 'वह एक क्षात्र था' 'यह एक डाक्टर है' ऐसा कहना 'जो क्षात्र था वही यह डाक्टर है' ऐसा कहना द्रव्याथिक है पर्यायाथिक नही, क्योंकि पूर्व पर्याय रूप क्षात्र और वर्तमान पर्याय रूप डाक्टर को एक व्यक्ति के अन्तर्गत देखा जा रहा है।