________________
१४
ऋजुसूत्र नय १. ऋजुसूत्र नय का सामान्य परिचय, २. ऋजुसूत्र नय सामान्य के लक्षण, ३. ऋजुसूत्र नय के कारण व प्रयोजन, ४. ऋजुसूत्र नय के भेद प्रभेद व लक्षण, ५. ऋजुसूत्र नय सन्बन्धी शंकायें।
वस्तु सामान्य विशेष स्वरूप है। अनेको भेदों या अंशो में १ ऋजुसून नय का अनुस्यूत या अनुगत एक अद्वैत भाव को
सामान्य परिचय सामान्य और उसके अन्तर्गत सम्पूर्ण । भेदो या अशों को विशेष कहते है । 'सत्' सामान्य तत्व है और अनेको जातियो व व्यक्तियो मे विभक्त द्रव्यात्मक भेद, क्षेत्रात्मक प्रदेश, कलात्मक पर्याय और भावात्मक गुण उसके विशेष है । इन विशेषों मे भी पुन पृथक पृथक सामान्य विशेष कल्पना की जा सकती है। द्रव्य सामान्य तत्व है और मनुष्य तिर्यचादि परमाणु पर्यन्त के भेद