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नय की स्थापना
१. वक्ता का प्रयोजन, २. नय का लक्षण, ३. अर्थज्ञान व वचन नय, ४. वचन कैसा होना चाहिये, ५. प्रत्येक शब्द एक नय है,६. नय प्रयोग से लाम, ७. वस्तु में नय प्रयोग की रीति, ८. नय का उदाहरण लक्षण कारण व प्रयोजन, ९.नयों के मूल भेदों का परिचय, १०. आगम व अध्यात्म पद्धति, ११.नयचार्ट,
- नय दर्पन के प्रकरण के अन्तर्गत अत्यंत जटिल वस्तु का व १. वक्ता का उसके अस्ति नास्ति आदि अनेको परस्पर विरोधी
' प्रयोजन अगो का परिचय पा लेने के पश्चात, अब देखना यह है कि किस प्रकार वक्ता बोलते समय प्रयोजन वश, अपने वक्तव्य मे मुख्य गौण व्यवस्था उत्पन्न करके इस विरोध को दूर करता है,