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मुजप्फरनगर
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हुई । प्रायः सर्व रुचिमान् थे । गुरुकुल सहारनपुरको ७२८) चन्दा हुआ । एक महानुभावने २०० ) भेजने को कहा ।
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यहाँ से ६ मील चलकर ककरौली आ गये । बड़े समारोहसे स्वागत हुआ । प्रातःकाल प्रवचन हुआ । मनुष्य संख्या ५० के अन्दाज थी । उनमे १ मौलवी साहब थे जो बहुत ही योग्य थे । आपने बहुत प्रसन्नता प्रकट की । यहाँ पर सैयद लोगों की जमीदारी थी जो काल पाकर उनके हाथसे निकल गई । वैश्य लोगोंके हाथमे चली गई। सुमतिप्रसाद जी यहाँ के प्रमुख व्यक्ति हैं । इन्हीं के यहाँ आहार हुआ | आपने सहारनपुर गुरुकुलके लिये हस्तिनागपुर मे १०० २ ) दिये थे। आपकी माँ शुद्ध भोजन करती हैं । यहाँ से चलकर तिस्सा आ गये । प्रातःकाल प्रवचन हुआ । श्री मंगलसेनजीके बहिनोई के घर भोजन किया । मध्यान्हको आमसभा हुई । एक ब्राह्मणने जो कि मद्यपान करता था जीवन पर्यन्त के लिये मद्यपान छोड़ दिया, १ मुसलमान भी जीवघात छोड़ गया तथा एक चमारने मदिरा छोड दी । यहाँ पर मुजफ्फरनगर, ककरौली तथा मंसूरपुरसे बहुत आदमी आये । सब कुछ हुआ परन्तु हमारे जैन बन्धुओं की दृष्टि स्वयं धर्मश्रवण करनेकी नहीं है । अन्य धर्म जान जायें, हमको चाहे ज्ञान हो या न हो । यहाँसे अगले दिन ६ बजे चलकर ९ बजे काल आ गये । यहाँ पर २० घर जैनियोंके हैं । १ मंदिर है परन्तु उसमे अभी श्रीजीकी स्थापना नहीं हुई । १ चैतन्यालय मे विम्व विराजमान है । विम्व प्रति मनोज है । भोजन की प्रक्रिया उत्तम है परन्तु लोग आहारदान करनेसे भय करते हैं । उसका कारण कभी दिया नहीं । कवाल से ६ मीड चलकर मंसूरपुर आ गये । यहाँ से ४ मील चलकर गड़ा नहर मिली । यहाँ पर बिजली भी बनती है । बड़े वेगसे पानी चलता है । यहाँ पर आटा पिसता है । मंसूरपुर ग्राम सैयद मुसलमानोंका है । प्रातः ३ घंटा प्रवचन