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मेरी जीवन गाथा
उन्होंने सबको अच्छी तरह फटकारा फलस्वरूप पाठशाला चालू करनेके लिये ६०००) ध्रौव्यफण्ड तथा ५० ) मासिकका चन्दा हो गया। लोगोमें परस्पर सौमनस्य नहीं और अन्तरङ्गसे विद्यामें रुचि नहीं ।
शून्य ।
दूसरे दिन भोजनके पश्चात् सामायिक किया और १ बजे चल कर ६३ मील छिछैनाके वंगला में ठहर गये । यहाँ तक एटा से २५ आदमी ये पश्चात् लौट गये कोई प्रामाणिक बात नहीं हुई । यहाँसे चल कर मलावन तथा टटऊ कसवामे ठहरते हुए पौष वदी १२ को कुरावली आ गये । यहाँ पर २५ घर जैनियोंके हैं । यहाँ पर जो पण्डित हैं वे उपादानको ही मुख्य मानते हैं निमित्त हाजिर हो जाता है। हाजिर शब्दका अर्थ क्या ? अस्तु, कहाँ तक कहा जावे, विवादके सिवाय कुछ नहीं । आजकल ही क्या प्रायः सर्व कालमें हठवादका उत्तर यथार्थ होना कठिन है । सव यह चाहते हैं कि यदि हमारी बात गई तो कुछ भी न रहा अतः जैसे वने तैसे अपनी हटकी रक्षा करना चाहिये तत्व कहीं जावे । यदि मनुष्योमें हठ न होती तो ३६३ पाखण्ड मत न चलते । आत्मा अभिप्राय असंख्यात हैं अतः उतने विकल्प मतोंके हो सकते हैं संग्रहसे ३६३ वतला दिये हैं । तात्त्विक दृष्टि जव आती है। तव सर्व पक्षपात विलय जाते हैं ।
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यहाँ पर जसवन्तनगरवाले सुदर्शन सेठ भी आये आप बहुत सज्जन हैं आपके आग्रह से ग्रन्टरोड़ का मार्ग बदल कर इटावा की ओर चल दिये । कुरावली से ६१ मील चल कर हरिदेवके नग ठहर गये । यहाँ पर पलालका प्रबन्ध अच्छा रहा । देहात मे आदमी सरल परिणामोंके होते हैं । वोली साठी होती है परन्तु अभिप्राय निर्मल होते हैं नगलासे ७ मील चल कर मैनपुरी आ गये । धर्मशालाये ठहर गये स्थान मनोज्ञ है परन्तु जो शान्ति