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प्रश्नव्याकरण सुत्तं
तवतेणे वयतेणे, रूवतेणे य जे णरे । आयारभावतेणे य, कुव्वइ देव किव्विसं ॥ (दशवैकालिक, अ. ५, गा.४६)
करेंति चोरियं तक्करा परदव्वहरा छेया, कयकरणलद्ध-लक्खा साहसिर स्सगा अइमहिच्छलोभगत्था दद्दरओवीलका य गेहिया अहिमरा अणभंजगा भग्गसंधिया रायदुहकारी य विसयणिच्छूट-लोकबज्झा, उद्दोहग-गामघायग-पुरघायग-पंथघायग-आलीवग तित्थभेया लहुहत्थसंपउत्ता जूयकरा खंडरक्ख-त्थीचोर-पुरिसचोर-संधिच्छेया य, गंथीभेयग-परधणहरण लोमावहारा अक्खेव-हडकारगा णिम्मद्दगगूढचोरग-गोचोरग-अस्सचोरग- दासीचोरा य एकचोरा ओकड्ढग-संपदायग-उच्छिंपग-सत्थघायग बिलकोरीकारगा य णिग्गाहविप्पलुंपगा बहुविहतेणिक्कहरणबुद्धी, एए अण्णे य एवमाई परस्स दव्वाहि जे अविरया | विउलबलपरिग्गहा य बहवे रायाणो परधणम्मि गिद्धा सए व दव्वे असंतुट्ठा परविसए अभिहणंति ते लुद्धा परधणस्स कज्जे चउरंगविभत्त-बलसमग्गा णिच्छिय वर-जोहजुद्धसद्धिय अहमहमितिदप्पिएहिं सेण्णेहिं संपरिवुडा पउम-सगड सूइ चक्क- सागर-गरुलवूहाइएहिं अणिएहिं उत्थरंता अभिभूय हरंति परधणाई । अवरे रणसीसलद्धलक्खा संगामंसि अइवयंति सण्णद्धबद्धपरियर-उप्पीलिय- चिंधपट्ट गहियाउहपहरणा माढिवर-वम्मगुंडिया, आविद्धजालिया कवयकंकडइया उरसिरमुहबद्ध कंठतोणमाइयवरफलगरचियपहकर- सरहसखरचाव करकरंछिय-सुणिसिय-सरवरिसचडकरगमयंतघणचंडवेगधारा णिवायमग्गे अणेगधणुमंडलग्गसंधित-उच्छलियसत्तिकणग वामकरगहिय-खेडग णिम्मल णिक्किट्ठखग्ग पहरंत-कोंत तोमर चक्क गया परसु मूसल-लंगल सूल लउल भिंडमालसब्बल पट्टिस चम्मेढ दुघण मोट्ठिय मोग्गर वरफलिह जंत पत्थर दुहण तोण कुवेणी पीढकलिए ईलीपहरण मिलिमिलिमिलंतखिप्पंत-विज्जुज्जल-विरचिय समप्पह णभतले फुडपहरणे महारणसंखभेरि-वरतूर-पउरपडुपडहाहयणिणाय- गंभीरणंदिय पक्खुभिय विउलघोसे, हय गय रह जोह तुरिय पसरिय-रउद्धत- तमंधकार बहुले कायर णर णयण हिययवाउलकरे । विलुलियउक्कड-वर-मउड-तिरीड-कुंडलोडुदामाडोविया पागड-पडाग-उसियज्झय-वेजयंति-चामरचलंत -छत्तंधयारगंभीरे हयहेसिय-हत्थिगुलगुलाइय-रहघणघणाइय-पाइक्कहरहराइय-अप्फोडियसीहणाया, छेलिय विघुढुक्कुट्ठ-कंठकयसद्दभीमगज्जिए, सयराह-हसंत-रुसंत कलकलरवे आसूणिय-वयणरुद्दे-भीमदसणाधरोहगाढदढे सप्पहारणुज्जयकरे अमरिसवसतिव्वरत्त णिद्दारितच्छे वेरदिद्वि-की-चेद्विय-तिवलि-कडिलभिउडि-कयणिलाडे, वहपरिणय-णरसहस्स-विक्कमवियंभियबले। वग्गंत-तुरंगरहपहाविय समरभडा, आवडियछेयलाघव-पहारसाहिया समूसविय बाहु-जुयलं मक्कट्टहासपक्कंतबोल बहले । फल-फलगावरणगहिय-गयवरपत्थेत- दरियभडखल-परोप्परपलग्गजद्धगव्विय विउ सिय वरासि रोस-तुरियअभिमह- पहरेंतछिण्णकरिकर-विभंगियकरे अवइद्ध णिसुद्धभिण्ण फालिय पगलिय रुहिरकयभूमिकद्दम -चिलिचिल्लपहे कुच्छिदालिय गलंतरुलिंत णिभेलितंत-फुरुफुरंत-अविगल-मम्माहय-विकय-गाढदिण्णपहार-मुच्छित
रुलंत विब्भलविलावकलुणे, हयजोह-भमंत-तुरग-उद्दाम मत्त कुंजर-परिसंकियजण णिव्वुक्कच्छिण्णधय भग्गरहवरणट्ठसिरकरि कलेवराकिण्ण-पतित-पहरण - विकिण्णाभरण-भूमिभागे,
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