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________________ द्वितीय परिच्छेन्न । ६१-नमो अरहंताणम् ॥ ऐसा भी पाठ है "ताना, नाम उनचास का है, उस ४ को अङ्गीततान, “रह” अर्थात् जानो, (रहुण, धातु गति अर्थमें है तथा गत्यर्थक (१) धातु ज्ञानार्थक (२) होते हैं ), वह तान कैसा है कि “नमोद” है, अर्थात् जिससे पुरुषों का मोद होता है। ६२-इस पद से चार अनयोगों की व्याख्या की जाती है-"अरहताणम् अर्हत् की आज्ञा को “न मोचय” अर्थात् मत छोड़ो “मोचा” नाम शाल्मली का (३) है, ("मोचां करोति" इस व्यत्पत्ति के करने पर "मोचयति" ऐसा पद बनता है, मध्यम पुरुष के एक वचन में 'मोचय” ऐसा पद बन जाता है ) अतः यह अर्थ है कि जिनकी आज्ञा को शाल्मली के समान असार [४] मत करो, उसको तत्स्वरूप जानो, यह चरणकरणानयोग है। ६३-"मरहम्” “अरहन्तक” अर्थात् साधु को जो कि 'त्राण” अर्थात् शरण भूत (६) है; नमस्कार करो, पदके एक देश में पद समुदाय का व्यवहार होता है, इसलिये अरह शब्द से अरहन्तक कहा गया है, यह धर्म कथानुयोग (७) है ॥ ६४- ( ऋ धातु से त प्रत्यय करने पर-"ऋही ब्राभ्रा” इस सूत्र से ऋण शब्द बनता है) ऋण अर्थात क्षीण (८) पुरुष को "मोच” अर्थात शिग्र (c) का "र" अर्थात् रस, ( र शब्द से रस का ग्रहण होता है) "हन्ता" अर्थात् घातक (१०) नहीं होता है, तात्पर्य यह है कि क्षय रोगी पुरुष शिन के रस से नीरोग हो जाता है, ( एक देश में समुदाय का व्यवहार होने से र शब्द से रसका ग्रहण होता है, यह अपनी बुद्धि की कल्पना नहीं है. क्योंकि श्रीजिनप्रभसूरि ने भी-“पउमाभवासु पूज्जा” इस गाथा में चार अनयोगों का व्याख्यान करते हुए ऐसी व्याख्या की है कि पउ अर्थात् पौष, मा अर्थात् माघ, भ अर्थात् भाद्रपद. उसमें अवतति अर्थात् अवम रात्रि के होने पर असु अर्थात् असुभिन अर्थात् दुर्भिक्ष होता है, पु अर्थात् पुहवी लोग अथवा पुहवास, की ज्या अर्थात् ज्यानि ( हानि ) होती है, यह द्रव्यानुयोग (११) है ॥ १-गति अर्थ वाले ॥ २-ज्ञान अर्थवाले ॥ ३-एक प्रकारका वृक्ष ॥ ४-निष्फल, व्यर्थ ॥५-चरण करण व्याख्या ॥ ६-शरण स्वरूप, शरण दायक ॥७- धर्म कथा व्याख्या ॥ ८-दुर्बल, क्षय रोग वाला ॥ -एक वृक्षविशेष ॥ १०-नाश करनेवाला ॥ ११-द्रव्य व्याख्या ॥ Aho! Shrutgyanam
SR No.009886
Book TitleMantraraj Guna Kalpa Mahodadhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinkirtisuri, Jaydayal Sharma
PublisherJaydayal Sharma
Publication Year1920
Total Pages294
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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