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________________ वृत्तरत्नाकरःनारायणीटीका तथा बैजनाथशास्त्री वरककृत परीक्षोपयोगि टिप्पणी उदाहरण तथा श्रुतबोध-छन्दोमारी सुवृत्तितिलक सहितः । • यों तो वृत्तरत्नाकर के आज तक अनेक संस्करण छप चुके हैं लेकिन हम प्रतिज्ञा के साथ लिखते हैं कि इस संस्करण के समान दुसरा कोई भी संस्करण परीक्षोपयोगि नहीं है। मूल्य लागत मात्र १॥) मुक्तावली-शब्दखण्डः ।। न्याय-व्याकरण-साहित्याचार्य-मीमांसकशिरोमणि पं० श्रीसूर्यनारायणशुक्ल रचित परीक्षोपयोगी मयूखटीका तथा भाषा टीका सहित। मयुखटीका के साथ २ भाषाटीका हो जाने से साहित्य मध्यमा के विद्यार्थियोंके लिए अपूर्व पुस्तक होगई है । इससे उत्तम परीक्षोपयोगि मुक्तावली शब्दखण्ड का संस्करण दुसरा नहीं। मूल्य ।) मुक्तावली-मयूखटीका सहिता । न्याय-व्याकरणाचार्य पं० श्रीसूर्यनारायणशुक्लरचित मयूखटीका । मुक्तावली पर आज तक जितनी भी टीका टीप्पणी छपी हैं उनसबसे उत्तम यह नवीन ढङ्ग की सरल टीका विद्यार्थियों के अत्यन्त उपयोग की हुई है। सम्पूर्ण ग्रन्थ का मूल्य ११) 'प्रत्यक्षखण्डान्तः प्रथमो भागः ॥3) अनुमानशब्दखण्डाद्यात्मक द्वितीयो भागः ॥2) सिद्धान्तकौमुदी (गुटका ) सभाष्यशिक्षाऽष्टाध्यायीगणवातिक धातुपरिभाषोणादिसूत्रफिट्सूत्रलिङ्गानुशा. सनसूत्रपाठैः सहिता । अष्टाध्याय्यद्यष्टकाकाराद्यनुक्रमसूचिभिः संवलिता। मूलमात्र गुटका । आज तक जीतनी भी कौमुदी अन्य छपी हैं उनमें इतने परिशिष्ट विषय किसी में भी नहीं हैं। इन परिशिष्ट विषयों से विद्यार्थियों को बड़ा लाभ पहुंचा है। मूल्य लागत मात्र ३) लीलावती। ज्योतिषाचार्य पं. श्रीमुरलीधरठक्कुरकृत मध्यमापरीक्षा तथा शास्त्रीपरीक्षा थमखण्डोपयोगि नवीनवासना परिशिष्टगणित तथा प्रश्न सहित । आज तक तिनी उत्तम लीलावती की दुसरी पुस्तक परीक्षोपयोगि अन्यत्र नहीं छपी। मूल्य अल्प २॥) सर्वविधपुस्तकप्राप्तिस्थानम् श्रीहरिकृष्णनिबन्धभवनम् , बनारस सिटी। Aho! Shrutgyanam
SR No.009875
Book TitleFakkika Ratna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaklal Thakur
PublisherHarikrishna Nibandh Bhawan Benaras
Publication Year1932
Total Pages280
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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