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स्पष्टाधिकारः ।
उदाहरण - शाका १८३९ में पुस्तकीयशक १८३३ को हीन किया तो शेष र बचे शकके नीचे वारादि ११२८/३. शेषांक के नीचे वारादि २२११२ है, इम दोनों को एक जगह जोड़ने से इस वर्ष की संक्रान्ति नक्षत्र साधने का वार दि ध्रुवा ०/१९/९ हुआ, इस में काशी का देशान्तर पल ४७ को युक्त किया तो ०/५९११२ हुए इस में सिंह राशि का क्षेपक ६ |३०|४ युक्त किया तो सिंह संक्रान्ति चारादि • २९/१६ स्पष्ट हुई, इस ध्रुवा ०/१९/१२ में हस्त नक्षत्र के क्षेपक ५|४३|४३ को युक्त किया तो हस्त नक्षत्र वारादि ६ । ४३ । ३१ स्पष्ट हुआ (बहुत से लोग काशी का देशान्तर १९ मानते हैं ) ॥ इति श्रीज्योतिषीन्द्रमुकुटमणि श्री ६ छत्रधरसूरि सूनुना गणक मातृप्रसादेन विरचितायां भास्वत्यां छात्रबोधिनी नाम Brain पञ्चाङ्गस्पष्टाधिकारस्तुती यस्समाप्तः ॥ ३॥
Aho! Shrutgyanam