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जीवाजीवाभिगम-१/-/१४
भगवन् ! वे जीव क्या आहार करते हैं ? गौतम ! वे द्रव्य से अनन्तप्रदेशी पुद्गलों का, क्षेत्र से असंख्यप्रदेशावगाढ पुद्गलों का, काल से किसी भी समय की स्थितिवाले पुद्गलों का और भाव से वर्ण वाले, गंधवाले, रसवाले और स्पर्शवाले पुद्गलों का आहार करते हैं । भगवन् ! भाव से वे एक वर्ण वाले, दो वर्ण वाले, तीन वर्ण वाले, चार वर्ण वाले या पंच वर्ण वाले पुद्गलो का आहार करते है ? गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा से एक, दो, यावत् पांच वर्ण वाले पुद्गलों का आहार करते हैं । भेदमार्गणा की अपेक्षा काले पुद्गलों का यावत् सफेद पुद्गलों का भी आहार करते हैं । भंते ! वर्ण से जिन काले पुद्गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण काले हैं यावत् अनन्तगुण काले हैं ? गौतम ! एकगुण काले पुद्गलों का यावत् अनन्तगुण काले पुद्गलों का भी आहार करते हैं । इस प्रकार यावत् शुक्लवर्ण तक जान लेना । भंते ! भाव से जिन गंधवाले पुद्गलों का आहार करते हैं वे एक गंधवाले या दो गंधवाले हैं ? गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा एक गन्धवाले पुद्गलों का भी आहार करते हैं और दो गन्धवालों का भी ! भेदमार्गणा की अपेक्षा से सुरभिगन्ध और दुरभिगन्ध वाले दोनों का आहार करते हैं ।
भंते ! जिन सुरभिगन्ध वाले पुद्गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण सुरभिगन्ध वाले हैं यावत् अनन्तगुण सुरभिगन्ध वाले होते हैं ? गौतम ! एकगुण यावत् अनन्तगुण सुरभिगन्ध वाले पुद्गलों का आहार करते हैं । इसी प्रकार दुरभिगन्ध में भी कहना । रसों का वर्णन भी वर्ण की तरह जान लेना । भंते ! भाव की अपेक्षा से वे जीव जिन स्पर्शवाले पुद्गलों का आहार करते हैं वे एक स्पर्श वालों का आहार करते हैं यावत् आठ स्पर्श वाले का ? गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा एक, दो या तीन स्पर्शवालों का आहार नहीं करते किन्तु चार, पाँच यावत् आठ स्पर्शवाले पुद्गलों का आहार करते हैं । भेदमार्गणा की अपेक्षा कर्कश यावत् रूक्ष स्पर्शवाले पुद्गलों का भी आहार करते हैं | भंते ! स्पर्श की अपेक्षा जिन कर्कश पुद्गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण कर्कश हैं या अनन्तगुण कर्कश हैं ? गौतम! एकगुण का यावत् अनन्तगुण कर्कश का भी आहार करते हैं । इस प्रकार यावत् रूक्षस्पर्श तक जान लेना ।
भंते ! वे आत्म-प्रदेशों से स्पृष्ट का आहार करते हैं या अस्पृष्ट का ? गौतम ! स्पृष्ट का आहार करते हैं, अस्पृष्ट का नहीं । भंते ! वे आत्म-प्रदेशों में अवगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं या अनवगाढ का ? गौतम ! आत्म-प्रदेशों में अवगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं। भंते ! वे अनन्तर-अवगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं या परम्परा से अवगाढ का ? गौतम! अनन्तर-अवगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं | भंते ! वे थोड़े प्रमाणवाले पुद्गलों का आहार करते हैं या अधिक प्रमाणवाले पुद्गलों का ? गौतम ! वे थोड़े प्रमाणवाले पुद्गलों का भी आहार करते हैं और अधिक प्रमाणवाले का भी । भंते ! क्या वे ऊपर, नीचे या तिर्यक् स्थित पुद्गलों का आहार करते हैं ? गौतम ! वे ऊपर स्थित पुद्गलों का, नीचे स्थित पुद्गलों का
और तिरछे स्थित पुद्गलों का भी आहार करते हैं । भंते ! क्या वे आदि, मध्य और अन्त में स्थित पुद्गलों का आहार करते हैं ? गौतम ! तीनो का ।
भंते ! क्या वे अपने योग्य पुद्गलों का आहार करते हैं या अपने अयोग्य पुद्गलों