________________
प्रश्न
अभ्यास के प्रश्न प्रश्न १- रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
(क) जो देह देवालय बसा.............चिद्रूप है। (ख) जब आत्मदर्शन हो सही, फिर.............से काम क्या। (ग) ............. सम स्वयं का, चैतन्य तत्व महान है। (घ) अध्यात्म भक्ति करके ज्ञानी.............को जानते हैं।
(ङ) .............प्रत्यक्ष अनुभूति गम्य है। प्रश्न २ - सत्य/असत्य कथन चुनिये।।
(क) सोलह कारण भावनाओं के भाने से स्वर्ग मिलता है। (सत्य/असत्य) (ख) सम्यक्दृष्टि के आठ अंग होते हैं । (सत्य/असत्य) (ग) चार महाव्रत, पंच समिति, चार गुप्ति होती है। (सत्य/असत्य)
(घ) मैं मोह रागादिक विकारों से रहित अविकार हूँ। (सत्य/असत्य) ३- सही जोड़ी बनाइये।
संवेग - विभाव, दुर्गुणों की आलोचना गर्हा - संसार से छूटने की भावना अनुकम्पा - स्वयं का दोष कहकर प्रायश्चित लेना
निन्दा - दया परिणाम प्रश्न ४-सही विकल्प चुनिये।
(१) ध्रुव धाम का चिंतन मनन कहलाता है। (अ) संयम (ब) निश्चय स्वाध्याय (स) व्यवहार स्वाध्याय (द) शुद्ध तप (२) उपासना तो----की होती है।
(अ) गुरुओं की (ब) वीतरागी निर्ग्रन्थ गुरुओं की (स) सद्गुरु के गुणों की (द) गुरु चरणों की प्रश्न ५ - लघु उत्तरीय प्रश्न । निम्नलिखित परिभाषायें लिखिये।
(क) निःशंक्ति, निःकांक्षित, निर्विचिकित्सा, वात्सल्य (ख) निर्वेद, उपशम, भक्ति, शुद्ध संयम, शुद्ध तप
(ग) मैत्री भावना, प्रमोद भावना, मध्यस्थ भावना प्रश्न ६-दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।
(क) सम्यक्त्व के आठ अंग और आठ गुणों का संक्षिप्त परिचय दीजिये। (ख) अध्यात्म आराधना के आधार पर पूजा विधि का परिचय दीजिये।