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मॉडल, श्री तारण तरण मुक्त महाविद्यालय
द्वितीय वर्ष (परिचय) प्रथम प्रश्न पत्र - वंदना
प्रश्न
पत्र
समय -३ घंटा
पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १ - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(अंक २४५=१०) (क) स्वसमय शुद्धात्मा ............. से प्रमाण है। (ख) दंसन धरंन च............. गमनं च। (ग) ............. की ९६ हजार रानियाँ होती हैं। (घ) कल्पकाल का प्रारंभ ............. से होता है।
(ङ) मोक्षमार्ग का मूल ............. है।। प्रश्न २ - सत्य/असत्य कथन चुनकर लिखिए
(अंक २४५=१०) (क) जीव अपने चैतन्य स्वरूप को यादकर तीव्र मोह के कारण दुःख को भोगता है। (ख) अवसर्पिणी काल के तीसरे सुषमा-दुःषमा काल को जघन्य भोगभूमि का काल कहते हैं। (ग) ज्ञानमार्ग की साधना अपेक्षा सम्यग्दर्शन के सात भेद है। (घ) गुन आयरन धम्म आयरनं, आयरनन्यान पय परम पर्य।
(ङ) लौकांतिक देव बाल ब्रह्मचारी, एक भवावतारी, छटवें ब्रह्मस्वर्ग के निवासी होते हैं। प्रश्न ३ - सही जोड़ी बनाइये - स्तंभ-क
स्तंभ-ख (अंक २४५=१०) णमोकार की विराधना सुषमा सुषमा उत्कृष्ट भोगभूमि
सम्यग्दर्शन स्वपर भेदज्ञान
सच्चा धर्म करुणा दया की प्रधानता मनुष्य
विवेक पूर्वक निर्णय सुभौम प्रश्न ४ - सही विकल्प चुनकर लिखिये -
(अंक २४५=१०) (क) वस्तु स्वरूप का बोध कराने वाली विधि है - (१) पूजा विधि (२) साधना (३) मंदिर विधि (४) दर्शन (ख) स्वभाव के आश्रय से २४ परिग्रह का त्याग है- (१) उत्तम तप (२) उत्तम आंकिचन्य (३) संयम (४) त्याग (ग) जीव के-------में विचित्रता होती है - (१) भाव (२) परिणाम (३) गुण (४) जाति (घ) जिनमें जन्म जरा आदि दोष नहीं होते- (१) सच्चे देव (२) सद्गुरु (३) शास्त्र (४) सूत्र
(ङ) णमोकार मंत्र को मंदिर विधि में कहा है- (१) मंगल (२) अपराजितमंत्र (३) मंगलकारी (४) मंत्र प्रश्न ५- किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लगभग ३० शब्दों में लिखिये
(अंक ४४५= २०) (१) षट्काल चक्र का नामकरण कीजिए। (२) सूत्र किसे कहते हैं? (३) सिद्धांत ग्रंथ किसे कहते हैं?
(४) शलाका पुरुष किसे कहते हैं? (५) अबलबली का क्या अर्थ है ?
(६) सम्यग्ज्ञान के भेद लिखकर बताइये कि इसकी क्या आवश्यकता है? प्रश्न ६ - किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लगभग ५० शब्दों में दीजिये -
(अंक ६४५=३०) (१) समवशरण की रचना का वर्णन मंदिर विधि के अनुसार बताइये। (२) करणानुयोग की अपेक्षा सम्यग्दर्शन के भेद लिखिए। (३) शलाका पुरुष जैसी उत्कृष्ट पदवी पाकर भी जीव नरक क्यों चले जाते हैं ? (४) हुंडावसर्पिणी काल की कोई छै: विशेषताएँ लिखिए?
(५) प्रमाण गाथाओं का क्या अभिप्राय है? (६) विदेह क्षेत्र के तीर्थंकरों के नाम लिखिए। प्रश्न ७ - किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग २०० शब्दों में लिखिये
(अंक १x१०=१०) षट्काल वर्णन अथवा रत्नत्रय।